जन्मदिन मनाते हुए इस साल मन में उठा फिर से एक सवाल करते ही चले जाए colour या अब सफ़ेद ही रहने दे ये बाल आख़िर हो क्या रहा है इससे फ़ायदा इंडिया में तो सिर्फ़ बुज़ुर्गों की इज़्ज़त का है क़ायदा Strangers आंटी कहे या अम्माजी अपनी तो रहेगी थोड़ी टेढ़ी टेढ़ी सी हीContinue reading “बाल बाल बचे”