चन्द्रयान

ऐसी भी क्या जल्दी थी कुछ विचार तो करते थोड़ा प्रयास तो करते उनसे नयन मिलाने की  बाँहोंमें खो जाने की ऐसी भी क्या जल्दी थी माना कि वो बेहद हसीन है चाहने वालों का दीन है ना बेचैनी दिखाते हल्के क़दम उठाते धीरे धीरे जाते कुछ सहज हो पाते  हमसे यूँ नाता तोड़ा अलविदाContinue reading “चन्द्रयान”

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