मेरा नन्हा सा बेटा!

नन्हा हुआ दो वर्ष का

आज चला स्कूल

सज़ा देख नयी ड्रेस में

माँ सुधबुध गयी भूल

ख़ूब पढ़ेगा बड़ा बनेगा

एक दिन डॉक्टर/ ईंजीनियर

खुली आँख से स्वप्न देखती

माँ लेट बिस्तर पर

दादी बाबा को तीर्थ करा कर

ममता का क़र्ज़ चुकाएगा

माँ पापा की सेवा कर 

वो अपना फ़र्ज़ निभाएगा

कुछ समय बाद 

दिन tests के आए 

ABCD और 1,2,3,4 

थे अच्छे से रटवाए

रिज़ल्ट के दिन माँ ने 

लड्डू पहले ही मँगवाए

पर थोड़ी देर में नन्हें जी

रोते रोते आए

ममी मैडम कहती है 

हो गए हो तुम फ़ेल

इतने दिन मैं रोज़ पढ़ा था

नहीं खेला कोई खेल

रिपोर्ट कार्ड देखा माँ ने 

तो पाया एक बड़ा सा ज़ीरो

डाँट लगा कर माँ बोली

तुम बनते हो क्यों हीरो

रोते रोते नन्हेजी बोले

माँ ऊपर ज़ीरो तो क्या नीचे तो twenty है

पता नहीं गंदी मैडम इतना क्यू ऐंठी है

भोला मुखड़ा गीली आँखे देख

माँ का दिल बड़ा पछताया

मुँह चूम कर आँख पोंछ कर

नन्हें बच्चे को आँचल में छुपाया

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