ज़रूरी?

हर चाहत में छुपी हो एक कहानी,

ये ज़रूरी तो नहीं!

हर जोश में शामिल हो जवानी,

ये ज़रूरी तो नहीं!

बहने दो धीरे से ही उसको, 

तेज हो हर नदी की रवानी, 

ये ज़रूरी तो नहीं!!

नाहक न थोपो किसी पर,

उम्दा ही हो हर रस्म पुरानी,

ये ज़रूरी तो नहीं!

ढह जाने दो इस बार इसे,

हर कमज़ोर इमारत हो बचानी,

ये ज़रूरी तो नहीं!!

माना कि अब तजुर्बे बड़े हैं,

और कदम थक चले हैं,

पर मेरी हर ख़्वाहिश हो सयानी,

ये ज़रूरी तो नहीं!!

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